कार्तिक पूर्णिमा 2024: तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि – जानें सब कुछ इस खास दिन के बारे में

  • पोस्ट किया गया 12-11-2024
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  • द्वारा Saumy Verma
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कार्तिक पूर्णिमा 2024 15 नवम्बर को मनाई जाएगी, जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, और चंद्र देव की पूजा की जाती है, और यह दिन विशेष रूप से दान, स्नान, और सत्यनारायण पूजा के लिए शुभ होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का मुहूर्त सुबह 04:58 से 05:51 बजे तक रहेगा, और सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त सुबह 06:44 से 10:45 बजे तक होगा। यह दिन भौतिक सुखों में वृद्धि, पुण्य की प्राप्ति, और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ, दान और ध्यान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं

कार्तिक पूर्णिमा 2024: तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है, जो विशेष रूप से भक्ति, स्नान और दान के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा 2024 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में।

कार्तिक पूर्णिमा 2024: तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर 2024 को मनाई जाएगी। यह तिथि सुबह 06:19 बजे से प्रारंभ होगी और अगले दिन 16 नवम्बर को रात्रि 02:58 बजे तक रहेगी। इस दिन उदया तिथि के कारण प्रमुख अनुष्ठान और पूजा 15 नवम्बर को ही की जाएगी।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक माह की पूर्णिमा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। यह दिन व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और भौतिक सुखों में वृद्धि का कारण बनता है। इस दिन विशेष रूप से सत्यनारायण पूजा, स्नान-दान, और ध्यान का महत्व है। माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य जीवन को प्रगति और खुशियों से भर देते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा 2024 का शुभ मुहूर्त

  1. स्नान-दान का मुहूर्त

    • सुबह 04:58 बजे से 05:51 बजे तक
  2. सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त

    • सुबह 06:44 बजे से 10:45 बजे तक
  3. चंद्रोदय का समय

    • शाम 04:51 बजे तक

इस दिन विशेष ध्यान रखें कि आप पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान इन मुहूर्तों के बीच करें, ताकि अधिक से अधिक पुण्य मिल सके।

कार्तिक पूर्णिमा 2024 पूजा विधि

  1. सत्यनारायण पूजा

    • इस दिन सत्यनारायण पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है। पूजा में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और उनके चरणों में श्रद्धा अर्पित की जाती है।
  2. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा

    • भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें:
      "शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
      लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥"

    • मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें:
      "ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।"

  3. स्नान और दान

    • कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही, इस दिन दान करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। विशेष रूप से जल, वस्त्र, अनाज, और पैसे का दान करना शुभ माना जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे देव दिवाली भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसके अलावा, यह दिन चंद्रमा के पूजन का भी विशेष अवसर है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता की स्थिति में होता है।

कार्तिक पूर्णिमा और धार्मिक अनुष्ठान

कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से उत्तम स्नान, ध्यान, और धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपयुक्त होता है। विशेष रूप से इस दिन सत्यनारायण व्रत और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। कार्तिक माह में पूरे महीने के दौरान जितनी भी धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं, उनमें से कार्तिक पूर्णिमा का दिन सबसे विशेष और पुण्यकारी होता है।

निष्कर्ष

इस साल कार्तिक पूर्णिमा 2024 का पर्व 15 नवम्बर को मनाया जाएगा, और यह दिन विशेष रूप से पूजा, स्नान, दान और भक्ति का दिन है। यदि आप इस दिन के मुहूर्त का पालन करते हुए पूजा-अर्चना करते हैं, तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होगा।

इसलिए, इस विशेष दिन का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए ध्यानपूर्वक पूजा करें और पुण्य लाभ अर्जित करें।

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लेखक
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Saumy Verma

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